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Yoga To Prevent Crackling Sound in Knee : घुटनों को मजबूत करने के लिए और घुटने से कट-कट की आवाज आने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन योगासनों का अभ्यास बहुत फायदेमंद है।
आज के समय में खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। शारीरिक एक्टिविटी की कमी की वजह से लोगों घुटनों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। घुटनों में दर्द और गठिया की समस्या लोगों में आम है। घुटने जब कमजोर हो जाते हैं तो इसके कारण घुटनों से कट-कट की आवाज आने लगती है। खानपान से गड़बड़ी की वजह से घुटनों के अंदर मौजूद लिक्विड खत्म हो जाता है। इसकी वजह से भी लोगों को उठते या बैठते समय घुटनों से टक-टक की आवाज आने लगती है। घुटनों से जुड़ी तमाम समस्याओं से बचाव के लिए योग का नियमित अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है। घुटनों से टक-टक की आवाज से छुटकारा पाने के लिए आप इन 4 योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
घुटनों से टक-टक की आवाज से छुटकारा पाने के लिए योग (Yoga To Prevent Crackling Sound in Knee)
घुटनों से टक-टक की आवाज घुटनों की खराबी का संकेत माना जाता है। इस समस्या से बचने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घुटनों के लिए फायदेमंद आहार और अच्छी जीवनशैली का पालन कर आप घुटनों से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं का शिकार होने से बच सकते हैं। घुटनों को मजबूत बनाने के लिए और टक-टक की आवाज से छुटकारा पाने के लिए आप इन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं।
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. पद्मासन Yoga To Prevent Crackling Sound in Knee (Padmasana)
पद्मासन का अभ्यास बैठकर किया जाता है। सेहत के लिए पद्मासन के फायदे अनेक हैं लेकिन विशेष रूप से यह रीढ़ की हड्डी और पैरों व घुटनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पद्मासन का अभ्यास ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी किया जाता है। किसी भी साधना या ध्यान की प्रक्रिया के लिए यह आसन सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसका रोजाना अभ्यास से जांघ, टखने, घुटने और पैरों को बहुत फायदा मिलता है। शरीर को लचीला और स्वस्थ बनाने में भी पद्मासन का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। इस आसन का अभ्यास बहुत ही आसानी से करा जा सकता है।
पद्मासन का अभ्यास करने का तरीका (How to Do Padmasana?)
पद्मासन का अभ्यास बहुत ही सरल और आसान है।
पद्मासन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले किसी साफ और हवादार जगह पर योगा मैट के सहारे बैठ जाएं।
उसके बाद अपने दाहिने पैर को घुटनों से मोड़ते हुए बाईं जांघ पर रख दें।
उसके बाद बाएं पैर को भी मोड़ते हुए दाहिनी जांघ पर रखें।
पैरों को तलवों को उपर की तरफ रखें।
इस आसन में रीढ़ की हड्डि को सीधा रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
इस स्थिति में बनें रहे हैं आराम से सांस को अंदर की तरफ लें और बाहर छोड़ें।
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2. बद्ध कोणासन (Baddha Konasana or Cobbler Pose)
पैरों और घुटनों को मजबूत बनाने के लिए बद्ध कोणासन का अभ्यास बेहद लाभकारी माना जाता है। इस आसन का अभ्यास बहुत आसान होता है और किसी भी उम्र में किया जा सकता है। बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें –
बद्ध कोणासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट पर बैठ जाएं।
इसके बाद सांस को बाहर की तरफ छोड़ते हुए पैरों को घुटनों से मोड़ें।
दोनों पैरों की एड़ियों को पेट के नीचे की तरफ लेकर जाएं।
अब दनों घुटनों को नीचे की तरफ खींचे।
बाएं पर के अंगूठे और उंगली से दाहिने पैर के अंगूठे को पकड़ें।
इस आसन का अभ्यास करते समय रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।
दोनों जांघों पर थोड़ा सा दबाव देते हुए स्ट्रेच करें।
इस स्थिति में लगभग 5 मिनट तक रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
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3. वीरासन (Virasana or Hero Pose)
शरीर का भारीपन दूर करने के साथ ही शरीर के कई अंगों के बेहद मजबूत बना देता है। हठ योग में इस आसन को बहुत महत्तवपूर्ण आसन माना जाता है। इस मुद्रा में आने से आपकी शरीर का पिछला हिस्सा संतुलित रहता है। वीरासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें –
जमीन पर बैठकर वज्रासन की मुद्रा बनाए।
अब अपनी बाईं एड़ी को पकड़कर टांग को कूल्हे के नीचे से निकलकर बाईं जांघ से मिलते हुए ज़मीन पर स्थायी रखे।
यही प्रक्रिया अपनी दाईं टांग के साथ भी दोहराएं।
अब आपके कूल्हे ज़मीन पर टिक गए हैं।
अपने दोनों हाथों से ओम मुद्रा में बनाकर घुटनों पर रख लें।
आपकी वीरासन की मुद्रा तैयार है।
ध्यान लगाए और इस मुद्रा में कम से कम 15 मिनट तक बैठें।
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4. मालासन (Malasana or Squat Or Garland Pose)
मालासन का नियमित अभ्यास घुटनों को मजबूत करने के साथ-साथ बैक से जुड़ी कई समस्याओं में फायदेमंद होता है। इस आसन का नियमित अभ्यास पीठ की मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। मालासन का अभ्यास करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें –
मालासन का अभ्यास करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं।
अब ताड़ासन की मुद्रा में आएं।
इसके बाद अपने पेट को अंदर की तरफ खींचते हुए रीढ़ की हड्डी को ऊपर की तरफ खींचे।
दोनों हाथों को सामने की तरफ लाकर प्रणाम की मुद्रा में रखें।
सीनों को सांस अंदर लेते हुए फुलाएं।
सांस को छोड़ते हुए नीचे बैठ जाएं।
अब बैठने के बाद घुटनों को बाहर की तरफ ले जाएं।
जंघों को बाहर की तरफ ले जाते हुए शरीर को धड़ को बीच में लाएं।
हाथों की कुहनी को अंदर की तरफ जांघ पर टिकाएं।
इस पोज में थोड़ी देर रहने के बाद आराम की मुद्रा में आएं।
इन योगासनों का नियमित अभ्यास करने से आपके घुटने मजबूत होते हैं और टक-टक की आवाज से छुटकारा मिलता है।
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